कभी आप अपना नेटवर्क बढ़ाना चाहते है, तो कभी बढे हुए नेटवर्क के कारण इतने लोग आपके पास मदद के लिए आने लगते है कि सभी को मैनेज करना मुश्किल हो जाता है । इन दोनों ही मुद्दों को हल करने के उपाय इस बार जानते है हार्वर्ड बिज़नस रिव्यु से ।
कांटेक्ट बढाने का कारगर तरीका गेट-टू-गेदर
नेटवर्क विस्तार के लिए पारम्पिक तरीकों को छोड़कर नए उपाय किये जा सकते है । ऐसा तरीका जिसमे आप उन लोगो को तलाश कर सके, जो आप जैसे लक्ष्य ही हासिल करना चाहते है । यह है अपनी जान-पहचान की लोगो के लिए एक गेट-टू-गेदर रखना । आप उन्हें कह सकते है कि अपने साथ एक दोस्तों को भी ले कर आयें । इस तरह आपका नेटवर्क पहले से दुगुना हो सकता है । लेकिन पहले यह तह करना जरुरी है कि वे कौन लोग है, जो आप ही की तरह है और सामान लक्ष्य के पीछे जा रहे है । उनमे से किसे आपकी तरह पोकर खेलने या संगीत सुनने या खेल का शौक है । कु मिलाकर यह गेट-टू-गेदर अनुभव साँझा करने वाला होना चाहिए । इस बीच बातो-बातो में बिज़नस भी आ जायगा । एक खास बात यह है कि सिर्फ नेटवर्क मोड पर ही बात थम ना जाये । कोशिश यह होनी चाहिए कि लोग एक-दूसरे को पहचाने भी ।
शानदार विचारों के लिए ये उपाय कारगर
क्या कभी आपके पास ऐसा हुआ है कि कोई शानदार विचार शावर लेने या वर्कआउट के समय आया हो ? कई बार ऐसे पल तब आते है, जब हमारा मन शांत हो और चेतना स्थिर और आराम में हो । आप मौन और एकांत का माहोल बनाकर इन षनो को हांसिल कर सकते है । इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना व्यस्त है । आपकी कोशिश बस एकांत का समय निकालने की करनी चाहिए । इसके लिए खाली कांफ्रेस रूप में जाए या अकेल वाक पर । जब आप शांत जगह पर पहुँच जाएँ, तो इस बात पर ध्यान ना दे कि आप के आसपास क्या चल रहा है और अपने भीतर विचारों पर ध्यान केन्द्रित करें । यह विचार भटकेंगे नहीं । और आप अपने दिमाग अगले शानदार विचार के लिए तेयार कर सकेंगे ।
साथियों की मदद जरुरी, लेकिन दायरे में
अपने साथियों की हमेशा मदद करना कभी-कभी थकाऊ हो सकता है । इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि नहीं कहना सीख लिया जाए । आप चाहे तो साथियों के लिए सीमा तय कर सकते है । वे जब मदद के लिए आये और आपके लिए यह संभव नहीं हो तो सहानुभूति व्यक्त कर सकते है । इससे यह स्पष्ट हो जायगा कि आप अपने साथी के दर्द और इस बात को नकार नहीं रहे है कि उनकी भावनाएं सही है । इससे ऐसा भी लगेगा कि आप उसे नज़रंदाज़ कर रहे है । इसके बाद आप अपने सहकर्मी को बता सकते है कि उसकी सहायता करने की स्थिति में नहीं है । आप चाहे तो उन्हें कह सकते है कि ऐसा क्यों है । साथ ही किसी और साथी के बारे में उसे बता सकते है जो उनकी मदद कर सके । ऐसा करते हुए स्वयं के प्रति अपराध भाव नहीं आने देना चाहिए । आप उतनी ही मदद कर सकते है जितनी संभव है ।
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