स्टार्टअप शुरू करने से पहले करें पार्टनर से इन पॉइंट्स पर चर्चा
अगर हम कोई काम पहली बार करते है, तो काफी सम्भावना होती है कि हम उसमे कोई न कोई गलती कर बैठे | ठीक वैसे ही स्टार्टअप लांच करते समय फर्स्ट टाइम आंत्रप्रेन्योर्स से भी कुछ गलतियां हो सकती है | इसका एक बड़ा उदहारण है, मार्क जकरबर्ग और विंकल्वास ब्रदर्स के बीच फेसबुक से जुड़ा कानूनी मामला | इसलिए अगर आप अन्य को-फाउंडर जैसे किसी दोस्त के साथ मिलकर कंपनी शुरू कर रहे है तो आपको अपने बिज़नेस से जुड़े हर पॉइंट पर पहले ही विस्तार से विचार कर लेना चाहिए | यहाँ ऐसे ही कुछ पॉइंट्स बताये जा रहे है जिन्हे बुसिनेस शुरू करने से पहले अपने अग्रीमेंट में क्लियर कर आप भविष्य में किसी कानूनी समस्या का सामना करने से बच सकते है |
को-फॉउंडर्स के बीच equity किस तरह विभाजित होगी ?
हर को-फाउंडर की बिज़नेस में क्या भूमिका व् जिम्मेदारी होगी ?
अगर कंपनी से एक को-फाउंडर अलग हो जाये तो क्या कंपनी या अन्य को-फाउंडर्स को उसके शेयर्स खरीदने का अधिकार होगा ? अगर हाँ तो किस मूल्य पर ?
हर को-फाउंडर बिज़नेस को कितना समय देगा ? इसके अलावा बिज़नेस से इतर जिम्मेदारियों पर किस प्रकार की रोक होगी ?
को-फॉउंडर्स को अपने काम के लिए कितनी सेलेरीज़ मिलेगी ? सैलरी अमाउंट किस आधार पर बदला जा सकेगा ?
बिज़नेस से जुड़े मुख्य व् रोजमर्रा के निर्यण किस प्रकार लिए जायेंगे (वोटिंग या केवल सीईओ के जरिये) ?
किन परिस्थितियों में किसी को-फाउंडर को बिज़नेस के एक एम्प्लॉय के तौर पर हटाया जा सकता है ?
बिज़नेस में प्रत्येक को-फाउंडर कौनसे असेट या कॅश का योगदान या निवेश करेगा ?
बिज़नेस को किसी अन्य कंपनी को बेचने का निर्यण किस तरह लिया जायेगा ?
अगर कोई को-फाउंडर इस अग्रीमेंट को साईन करने के बाद इसका सम्मान नहीं करता है तो इस स्तिथी में क्या कदम उठाये जायेंगे ?
बिज़नेस का ओवरआल गोल व् विजन क्या होंगे ?
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