स्वामी रामतीर्थ कहता थे कि "धरती को हिलाने के लिए धरती से बाहर खड़े होने की आवश्यकता नहीं है, आवश्यकता है आत्मा की शक्ति क जानने जगाने की |" इस कथन में आत्म शक्ति की उस महत्ता का बखान किया गया है, जिसका दूसरा नाम आत्म-विश्वास है | जिसका साशात्कार करके कोई भी व्यक्ति अपने परिवार में तथा अपने जीवन में परिवर्तन कर सकता है | विवेकानंद, बुध, सुरात और गाँधी की प्रचंड आत्मशक्ति ने युग के प्रवाह को मोड़ दिया था | अभी हाल के स्वतंत्रा संग्राम में महात्मा गाँधी ने सशक्त ब्रिटिश साम्राज्य की नींव उखाड़ दी थी | उन्होंने अपनी इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास के सहारे अंग्रेजो को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया था | स्वामी विवेकानंद ने जब संस्यासी का रूप धारण कर अमेरिका गए तो उनवास के पात्र बने लेकिन बाद में उन्होंने अपने आत्मविश्वास के सहारे विश्वास को जो कुछ दिया वह अदितीय है |
आत्मविश्वास के समक्ष विश्व की बड़ी से बड़ी शक्ति झुकती है और भविष्य में भी झुकती रहेगी | इसी आत्मविश्वास के सहारे आत्मा और परमात्मा के बीच तादाम्य उत्पन्न होता है और असीमित शक्ति स्त्रोत का रास्ता खुल जाता है | कठिन परिस्थितियों और हजारों परेशानियों के बीच भी मनुष्य आत्मविश्वास के सहारे आगे बढता जाता है तथा अपनी मंजिल पर पहुँच कर रहता है |
मानव जाती के विकास के इतिहास में महापुरुषों का आत्मविश्वास का बहुत बड़ा योगदान रहा है | भौतिक रूप से तात्कालिक असफलताओ को स्वीकार करते हुए भी उन्होंने विश्वास नहीं छोड़ा और बड़ी सफलता हांसिल की | आत्मविश्वास का हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है | लोकिक और अलोकिक सफलताओं का आधार यही है | इसके सहारे ही निराशा में भी आशा की झलक दिखती है | दुःख में सुख का आभास होता है | इससे बड़े से बड़े कार्य पुरे किये जा सकते है | और ऐसे कुछ उदहारण आप देख सकते है - चीन की दीवार, पिरामिड, पनामा नाहर और बड़े बड़े पहाड़ो पर सड़कें और पता नहीं क्या क्या इसके प्रमाण है |
पर जो भी हो, हमारी सारी शारीरिक और मानसिक शक्तियों का आधार आत्मविश्वास ही है | बिना इसके आपके पास जो शक्तियां है वो भी धीरे धीरे चली जाती है | जैसे ही आपका आत्मविश्वास जागता है उसके साथ ही दूसरी शक्तियां भी उठ खड़ी होती है और आत्मविश्वास के जरिये असंभव समझे जाने वाले काम भी बड़ी आसानी के साथ किये जा सकते है | व्यक्ति के जीवन में एक आत्मविश्वास ही सभी सफलताओं का आधार है इसके बिना कुछ नहीं है | बिना विश्वास के लोगो को वो भी नहीं मिल पाता जो उनके लिए बना है | बिना इसके लोग अपनी शमता को पहचान नहीं पाते और अपने आप को किसी भी काम के लिए अयोग्य बता देते है |
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