टेलिविज़न की जिस भविष्य की कामना की जाती थी, वह बस आ ही गया है | अमेरिका में महंगे केबल टीवी के साथ कमज़ोर सेवा और सस्ते विकल्प के रूप में बढ़ता ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सर्विस का आकर्षण लाखों लोगो को केवल टीवी के साथ जुड़ाव तोड़ने को प्रोत्साहित करेगा | इन्टरनेट से टीवी प्रसारण होगा और खर्च भी आज की तुलना में बहुत कम होगा |
कम दर्शन वाले कई छोटे चेनल अचानक गायब हो जायंगे | ऐसा कम से कम इस बिज़नस के कई लोग सोचते है | अमेरिकी परिवालों के केबल से पिंड हो छुड़ाना शुरू तो किया लेकिन, इसकी दर 1 प्रतिशत रही है | अब टीवी दर्शकों की संख्या भी गिर रही है | खासतौर पर युवा दर्शक के बीच, जिन पर विज्ञापन दाताओं की नज़र है | फिर भी मीडिया कंपनियां अब सिर्फ इसलिए उन्हें गिनती में ले रही है, क्योंकि विज्ञापन की करें बढ़ी है |
नेफ्लिक्स जेसी स्ट्रीमिंग सेवाओं का उपयोग विस्फोट की तरह शुरू हुआ है | आधे अमेरिकी परिवार उनमे से एक की सेवांए ले रहे है, लेकिन अतिरिक सेवा के रूप में, विकल्प के तौर पर नहीं | कुल मिलाकर अमेरिकी लोग टीवी पर इतना खर्च कर रहे है, जितना इसके पहले कभी नहीं किया गया था | 200 चेनलों का केबल टीवी का महंगा बंडल, पतले स्ट्रीमिंग विकल्पों के सामने तेज़ी से गायब हो रहा है | अब दिग्गज कंपनियां अमेज़न और youtube के साथ डिज्नी, फॉक्स और nbc यूनिवर्सल की विडियो कंपनी हुलु भी इन्टरनेट पर वर्षात या अगले साल की शुरुआत में लाइव टीवी देने के लिए सोदेबजी में लगी है |
ये कंपनियां अमेरिका के प्रमुख ब्रॉडकास्ट नेटवर्क और कई लोकप्रिय खेल व मनोरंजन चेनल इतनी कम कीमत पर मुह्य कराएगी, जिससे महीने का बिल घटकर आधा यानि 2700 से 3400 रूपये रह जायगा सॅटॅलाइट पैकेज वाली मीडिया कंपनियों ने हर किसी को कुछ न कुछ देने वाला पैकेज उपलब्ध कराया, शुरुआत में ठीक थक कीमत पर चेनलों की संख्या के साथ दर्शक बढ़ते गए, जो विज्ञापक कंपनियां, शो तेयार करने वाले स्टूडियो और प्रसारण अधिकार बेचने वाले स्पोर्ट्स लीग के लिए अच्छा था | केबल ऑपरेटर भी 30 से 60 प्रतिशत की सकल आय का लुफ्त लेते रहे | वे ख़ुशी से अपने दर्शकों को डिजिटल विडियो रिकॉर्डर जैसी नयी सुविधांए और अधिक चेनल देते रहे |
अब उनकी वफादारी कम हो रही है | हर साल केवल छोड़ने वाले लोगो की संख्या, उससे जगने वाले नया लोग से ज्यादा है | किन्तु पिछले साल परंपरागत पे टीवी ने अचानक 11 लाख ग्राहक खो दिए |बहुत सरे लोग इन्टरनेट से मिलने वाले थोड़े से चेनलों की तरफ चले गए, जिसे दिश नेटवर्क के नए प्रोडक्ट स्लिंग टीवी ने जारी किया था | निवेशकों में इससे घबराहट फ़ैल गयी है | पिछले अगुस्त में डिज्नी के एग्जीक्यूटिव बॉब आइनेर ने माना कि लोग स्पोर्ट्स नेटवर्क व espn तक से नाता तोड़ रहे है | जो यह नाता तोड़ते है, वे ओं डिमांड विडियो सब्सक्रिप्शन की दुनिया में जाते है - नेत्फ्लिक्स, अमेज़न प्राइम विडियो, हुलु, एचबीओ नाऊ आदि | इन सेवाओं पर प्रतिमास 700 से 1000 तक खर्च होते है | समय के साथ ये बदलाव मोटी कमाई करने वाले कई खिलाडियों को पंगु बना देंगे | जैसे कमज़ोर टीवी कार्यक्रमों वाली बढ़ी मीडिया कंपनियां, छोटे स्वतंत्र चेनल किसी 'लम्बी पूंछ' का हिस्सा होकर मज़े में थे और टीवी कार्यक्रमों के अलावा कोई और सेवा ना देने वाले सॅटॅलाइट ऑपरेटर | इस सुनामी से बचने वाले विजेता वही होंगे, जिनके पास अत्यधिक लोकप्रिय टीवी चेनल और सबसे कम अवांछित चेनल होंगे | यानी कंटेंट अब भी किंग ही होगा | हाल ही में 4 अरब डॉलर में मार्शल आर्ट्स लीग की बिक्री यही साबित करती है कि सबसे बढ़ा विजेता तो दर्शक ही होगा |
2008 में अमेरिकियों को केबल के जरिये 129 चेनल मिलते थे और वे हर हफ्ते औसतम 17 चेनल ही देखते थे | 5 साल बाद उनके सामने 189 चेनल थे, 5 तब भी सिर्फ 17.5 चेनल ही देख रहे थे | लेकिन उनके बिल की राशि, खर्च की जा सकते वाली आय के विपरीत दोगुनी हो गयी |
2 कारणों से ज्यादा टीवी दर्शक नए मॉडल पर नहीं गए
- पहला तो ये कि लोग अब भी लाइव टीवी खासतौर पर स्पोर्ट्स चेनल के आदि है और महंगे पैकेज उन्हें ये विश्वसनीय तरीके से उपलब्ध करते है | शायद इसी लिए espn और tnt ए.बी.ए. बास्केटबाल के प्रसारण अधिकारों के लिए सालाना 1632 करोड़ रूपये भुगतान करते है |
- दूसरा कारण यह है कि लोगो को अब तक भरोसेमंद और सस्ता विकल्प नहीं मिला है | स्लिंग टीवी के 7 लाख ग्राहक है | नए प्रतिस्पर्धिओयों को सारी अनुकूल परिस्थितियाँ मिलेंगी ऐसा नहीं है | पिछले साल एप्पल अपनी लाइव टीवी सेवा लांच करने में विफल रही थी |
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