Collision Broadcast Domain हिंदी में | ccna

Collision Domain

कोलिशन डोमेन एक नेटवर्क सेगमेंट है जिसमे कोलिशन होते है, और दूसरे शब्दों में कहें तो कोलिशन डोमेन में एक नेटवर्क के अंदर सभी devices एक ही मीडिया (shared media) से कनेक्टेड होते है और जब वे एक साथ नेटवर्क को एक्सेस करने की कोशिश करते है तो आपस में collide होते है क्योंकि shared मीडिया हाफ डुप्लेक्स होगा है और एक समय एक ही डिवाइस कुछ सेंड या रिसीव कर सकता है |

Broadcast Domain

इसका मतलब है एक नेटवर्क सेगमेंट जिसमे कुछ डिवाइस आते है, और अगर इस नेटवर्क सेगमेंट में कोई मेसेज सेंड किया जाता है तो ये ब्रॉडकास्ट मेसेज इन सभी devices के द्वारा सुना जाता है या फिर रिसीव किया जाता है |

CSMA/CD

ईथरनेट नेटवर्किंग एक प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करती है जिसको carrier sense multiple access with collision detection (csma/cd) के नाम से जाना जाता है | ये एक ही bandwidth को शेयर करके मल्टीप्ल devices को डाटा सेंड करने में मदद करती है और साथ ही साथ यह भी ध्यान रखती है की 2 devices एक साथ डाटा सेंड ना करें | आईये देखते है ये किस प्रकार से काम करता है :- जब भी ईथरनेट में कोलिशन होता है -
  1. एक जाम सिग्नल के द्वारा सभी devices को बताया जाता है कि कोलिशन हुआ है |
  2. कोलिशन अचानक से पीछे हटाने वाला अल्गोरिथम शुरू करता ( the collision invokes a random back off algorithm.) 
  3. हर डिवाइस जो कि उस नेटवर्क सेगमेंट में है, डाटा सेंड करना रोक देती है जब तक कि बेक ऑफ़ टाइम expire हो जाये |
  4. टाइम एक्सपायरी ख़त्म होने के बाद डाटा सेंड किया जाता है और सभी को इक्वल प्राथमिकता मिलती है |
पर इसके कुछ गलत इफेक्ट्स भी है जैसे - बार-बार कोलिशन और जाम से नेटवर्क प्रॉब्लम, नेटवर्क का धीमे होना और बहुत सारा congestion.


Data Link Layer पर Ethernet

डाटा लिंक लेयर पर ईथरनेट, ईथरनेट addresing के लिए रेस्पोंसीबले होता है, जो कि साधारणतया MAC और हार्डवेयर addressing के नाम से जानी जाती है | नेटवर्क लेयर से रामिंग पैकेट्स रिसीव करना और उनको आगे सेंड करने के लिए तेयार करना का काम भी ईथरनेट ही करती है |

यहाँ हम देखेंगे की ईथरनेट addressing कैसे कम करती है | ये मीडिया एक्सेस कण्ट्रोल mac का इस्तेमाल करती है जो कि हर नेटवर्क address कार्ड (NIC) में burned होता है | mac और हार्डवेयर address 48 (6 bytes) बिट का होता है और ये hexadecimal फॉर्मेट में होता है |

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किसी भी आर्गेनाइजेशन को, organizationally unique identifier (OUI) IEEE के द्वारा ही असाइन किया जाता है | इसका एक हिस्सा 24 बिट globally administered address होता है और दूसरा हिस्सा 24 का, हर नेटवर्क पर यूनिक होता है |

सबसे ऊपर की बिट individual/group (I/G) है | अगर इसकी वैल्यू 0 है तो हम अंदाज़ा लगा सकते की डिवाइस का address, mac address है और ये किसी भी mac header के सोर्स पोर्शन में देखा जा सकता है | जब ये I हो तो हम अंदाज़ा लगा सकते है कि ये ब्रॉडकास्ट या फिर मल्टीकास्ट address हो सकता है |

दूसरी बिट Globle/Local Bit है, जो कभी कभी G/L या U/L के नाम से भी जानी जाती है | यहाँ पर U का मतलब Universal से है | अगर ये '0' हो तो इसका मतलब IEEE के द्वारा एसाइन्ड globally administered address  है और अगर '1' हो तो Locally government administered address |

इसके अलावा low आर्डर बिट '24 बिट' Locally Administered और मैन्युफैक्चरर  कोड को दिखता है | ये पोर्शन 24 0's से शुरू होकर 24 1's तक चलता रहता है जब तक कि लास्ट (16,777,216th) कार्ड का बन जाएँ |
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