मेहनत, करोड़ो के निवेश और प्रचार से कंपनियां सफलता की ओर जाती है | लेकिन कुछ ऐसी गलतियाँ हो जाती है, परिस्थितियां बन जाती है कि उनसे उबरना मुश्किल हो जाता है | इसका ताज़ा उदहारण है याहू (YAHOO) | यहाँ बता रहें है कुछ और कंपनियों के बारे में जो शीर्ष पर थी, लेकिन अपनी कमजोरियों में पिछड़ गयीं |
नोकिया
टच स्क्रीन का प्रोटोटाइप बनाया, सॉफ्टवेयर से फेल
फिनलैंड की कंपनी नोकिया डेढ़ दशक तक दुनियां की मोबाइल बाज़ार की सबसे बढ़ी कम्पनी रही | 1990 में इसने मोटोरोला को पीछे छोड़ा था | लेकिन कुछ वर्षों पहले मोबाइल का पूरा बाज़ार स्मार्टफोन की तरफ शिफ्ट हुआ तो एपल, सैमसंग, गूगल जैसी कंपनियों ने इसे बाज़ार से बाहर कर दिया | स्मार्टफोन बाज़ार में नोकिया पीछे पिछड़ गयी | इसने मुकाबले की कोशिश की, लेकिन असफल रही | 2013 में माइक्रोसॉफ्ट ने नोकिया को 7 बिलियन डॉलर में अधिग्रहित किया था | हाल ही में फोक्सकॉन ने इसे लिया है | वैसे 1996 में नोकिया कम्पनी ने पहला स्मार्टफोन लांच किया था |
टच स्क्रीन का प्रोटोटाइप भी बनाया और इन्टरनेट को सपोर्ट करने वाला फ़ोन भी | लेकिन सॉफ्टवेयर नहीं बना सके | इसके महत्त्व को गंभीरता से नहीं समझा |
कोडक
डिजिटल तकनीक बनायीं पर उसे सामने नहीं आने दिया !
कभी यह अमेरिका ही नहीं दुनिया की जानीमानी कैमरा कंपनी थी | 1980 के दशक के शुरूआती वर्षों में सोनी ने पहला इलेक्ट्रॉनिक कैमरा लांच किया था | कोडक डिजिटल तकनीक को नज़रंदाज़ करती रही | उसने डिजिटल तकनीक में शुरूआती दिनों में इस बाज़ार में उतरने का मोका गँवा दिया, जबकि कंपनी के पास यह तकनीक उपलब्ध थी, लेकिन उन्हें लगा की इससे उनका मूल्य फिल्म का बिज़नस प्रभावित होगा | नतीज़ा यह हुआ कि जनवरी 2012 में दिवालिया हो गयी |
1975 में कोडक के ही एक इंजिनियर स्टीव सेशन ने पहला डिजिटल कैमरा बनाया था, लेकिन उन्हें कहा गया कि इसके बारे में किसी को बताये नहीं |
मायस्पेस
सोशल मीडिया को म्यूजिक, सेलेब्रिटी तक सीमित रखा
एक समय सोशल नेटवर्किंग दुनियां में मायस्पेस ही सबसे पोपुलर थी | अमेचर म्यूजिशियन और ब्लॉगर सभी को यह पसंद थी | 2003 में स्थापित इस प्लेटफार्म पर 75 मिलियन से ज्यादा एक्टिव यूजर्स थे | 2005 में न्यूज़ कारपोरेशन ने इसका अधिरहण कर लिया | 2005 से 2008 के बीच यह दुनियां की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साईट रही | लेकिन फेसबुक आ गया और इसने ज्यादा बड़े वर्ग को अपनी और खींचा | इसके बाद से इसके यूजर्स घटते गए | कभी अमेरिका के सबसे ज्यादा एक्टिव यूजर्स के मामले में एक नंबर पर रही मायस्पेस का नंबर इस साल जून में 1985 था |
सोशल नेटवर्किंग साईट मायस्पेस फोरम म्यूजिक, विडियो और सेलेब्रिटी गोसिप तक ही सीमित रहा | इसमें कोई बदलाव या सुधार नहीं किया गया |
पैन एएम
फ्यूल घाटे और प्रतिस्पर्धा के सामने टिक नहीं सकी |
1927 में स्थापित पैन एएम 20वीं सदी में अमेरिका के कल्चर का हिस्सा मानी जाती थी | यह अमेरिका की सबसे बड़ी इंटरनेशनल और लक्सरी एयरलाइन थी | यह पहली कम्पनी थी, जिसने जम्बो जेट का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया | लेकिन 1970 के दशक में जब दुनिया भर में फ्यूल की कीमत बढ़ने लगी, ट्रेवल घटने लगा और प्रतिस्पर्धा कंपनियों की संख्या ज्यादा होने लगी | 1988 में इसकी एक फ्लाइट पर आतंकियों ने हमला कर दिया | 1991 में कंपनी दिवालिया होकर बंद हो गयी |
पैन एएम हिस्टोरिकल फाउंडेशन के अनुसार मेनेजमेंट फिर मुनाफे कमाने में सफल नहीं हुआ | घाटा पूरा करने के लिए सम्पति बेचीं, पर घाटा पूरा नहीं हो सका |
जनरल मोटर्स
घाटे के बावजूद कास्ट कटिंग नहीं कर पाई !
जनरल मोटर्स 1908 में शुरू हुई थी | 2009 में कंपनी दिवालिया हो गयी | इसकी असफलता के कई कारण बताये गए | जैसे कंपनी ऐसी कारें बना रही थी जो लोग चाहते नहीं थे | इनोवेशन के मामले में कंपनी काफी पीछे थी | बदलते बाज़ार के मुताबिक यह खुद को बदल नहीं पा रही थी | डीलर नेटवर्क कमजोर था | लेकिन घाटे के बावजूद वो कास्ट कटिंग नहीं कर सकी | कास्ट पूरी तरह फिक्स थी | दिवालिया होने के बाद वर्तमान जनरल मोटर्स कंपनी एलसीसी (न्यू जीएम) 2009 में बनी |
हार्वर्ड बिज़नस रिव्यु की स्टडी में कहा गया कि 2005 के बाद से ही कंपनी घाटे में थी | 2009 की पहली तिमाही तक कंपनी 90 बिलयन डॉलर गवां चुकी थी |
कुछ ऐसी कंपनियां जो कभी शीर्ष पर थी, लेकिन बड़ी गलतियां की, जिनसे उबरने में रहीं नाकाम | आर्टिकल केसा लगा कमेन्ट में बता सकते है |
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